QUIZ 7

QUIZ 7

[1] ‘पूंजी बाज़ार’ (Capital Market) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-से कथन असत्य हैं?
1.
यहवित्त बाज़ार’ (Finance Market) का एक महत्त्वपूर्ण घटक है।
2.
वाणिज्यिक बैंक, सहकारी बैंक प्रतिभूति बाज़ार इसके प्रमुख घटक हैं।
3.
जिन वित्तीय विनिमयों की निबटान अवधि एक वर्ष से कम होती है, उसेपूंजी बाज़ार विनिमयकहते हैं।
कूटः

A)

केवल 1 और 2

B)

केवल 2 और 3

C)

केवल 1 और 3

D)

1, 2 और 3

उत्तरः (B)
व्याख्याः


वित्त बाज़ार (Finance Market) के अंतर्गत वित्तीय विनिमय की एक तय अवधि होती है और इस अवधि के आधार पर विनिमय दो प्रकार के होते हैं:-
1.
अल्पकालिक/मुद्रा बाज़ार विनिमय (Money Market Exchange):- जिन वित्तीय विनिमयों का निबटान एक वर्ष के अंदर हो जाए।
2.
दीर्घकालिक/पूंजी बाज़ार विनिमय (Capital Market Exchange):- जिन वित्तीय विनिमयों की निबटान अवधि एक वर्ष से ज़्यादा हो।

वित्तीय बाज़ार के प्रकार

 

  1-विदेशी मुद्रा बाज़ार -  विदेशी मुद्रा बाजारविश्व की मुद्राओं के क्रय-विक्रय (व्यापार) का बाजार है जो विकेन्द्रित,चौबीसों घंटे चलने वालाकाउन्टर पर किया जाने वाले (over the counter) कारोबार है। अन्य वित्तीय बाजारों की अपेक्षा यह बहुत नया है और पिछली शताब्दी में सत्तर के दशक में आरम्भ हुआ। फिर भी सम्पूर्ण कारोबार की दृष्टि से यह सबसे बड़ा बाजार है। विदेशी मुद्राओं में प्रतिदिन लगभग ४ ट्रिलियन अमेरिकी डालर के तुल्य कामकाज होता है। अन्य बाजारों की तुलना में यह सबसे अधिक स्थायित्व वाला बाजार है।

 

  2-मुद्रा बाज़ार :

वित्त भाषा मेंमुद्रा बाज़ार का अभिप्राय अल्पकालिक ऋण लेने और देने के लिए वैश्विक वित्तीय बाज़ार से है। यह वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए अल्पकालिक अवधि की नकदी/तरलता का वित्त पोषण प्रदान करता है। मुद्रा बाजार वह जगह है जहां अल्पकालिक कार्यकाल दायित्व जैसे

ट्रेज़री बिलवाणिज्यिक पत्र/पेपर और बैंकरों की स्वीकृतियां आदि खरीदे और बेचे जाते हैं।

 

   3-पूँजी बाजार:

पूंजी बाजारप्रतिभूतियों का बाजार हैजहां कंपनियां और सरकार लंबे समय के लिए धन जुटा सकते हैं। यह वह बाजार है जहां पैसा एक साल या इससे अधिक समय के लिए दिया जाता है। पूंजी बाजार मे शेयर बाजार और बांड बाजार भी शामिल है।

यह कंपनियों को उपलब्‍ध एक ऐसा बाजार है जो उनकी दीर्घावधिक निधियों की जरुरतों को पूरा करता है। यह निधियां उधार लेने और उधार देने की सभी सुविधाओं और संस्‍थागत व्‍यवस्‍थाओं से संबंधित है। अन्‍य शब्‍दों मेंयह दीर्घावधि निवेश करने के प्रयोजनों के लिए मुद्रा पूंजी जुटाने के कार्य से जुड़ा है। इस बाजार में कई व्‍यक्ति और संस्‍थाएं (सरकार सहित) शामिल हैं जो दीर्घावधि पूंजी की मांग और आपूर्ति को सारणीबद्ध करते हैं और उसकी मांग करते हैं। दीर्घावधि पूंजी की मांग मुख्‍य रूप से निजी क्षेत्र विनिर्माण उद्योगोंकृषि क्षेत्रव्‍यापार और सरकारी एजेंसियों की तरफ से होती है। जबकि पूंजी बाजार के लिए निधियों की आपूर्ति अधिकतर व्‍यक्तिगत और कॉर्पोरेट बचतोंबैंकोंबीमा कंपनियांविशिष्‍ट वित्‍त पोषण एजेंसियों और सरकार के अधिशेषों से होती है। भारतीय पूंजी बाजार स्‍थूल रूप से गिल्‍ट एज्‍ड बाजार और औद्योगिक प्रतिभूति बाजार में विभाजित है|

 

   4-ऋण बाजार:

ऋण बाजार वह है जहाँ बैंकवित्तीय संस्थायें  और एनबीएफसी के कॉर्पोरेट और व्यक्ति  लघु,मध्यम और लंबी अवधि के ऋण का प्रबंध करते हैं।

 

 

पूंजी बाजार की भूमिका


अर्थव्यवस्था की विकास दर बनाये रखने और उसे बढ़ावा देने में पूंजी बाजार अहम भूमिका निभाता है। यह उद्योगों के लिए धन जुटाने का एक महत्वपूर्ण ज޵रिया और किसी देश की अर्थव्यवस्था में निवेश का एक कारगर स्रोत होता है। यह देश की दीर्घकालीन विकास सम्भावनाओं को प्रोत्साहित करने के दृष्टिकोण से उत्पादक सम्पतियों में निवेश के लिए बचत को बढ़ावा देता है। इस तरह पूंजी बाजार अर्थव्यवस्था को बदलने में एक उत्प्रेरक का कार्य भी करता है। यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को विश्व स्तर पर और अधिक प्रभावी, अभिनव और प्रतिस्पर्धी बाजार के रूप में बदल देता है। 

पूंजी बाजार संसाधनों के वितरण के साथसाथ, अर्थव्यवस्था में जोखिम को विभाजित करने की अनुमति देकर जोखिम प्रबन्धन के लिए भी एक माध्यम उपलब्ध कराता है। किसी भी सही तरीके से संचा޵लित और व्यव޵स्थित पूंजी बाजार से प्राप्त सूचनाओं की गुणवत्ता बेहद अच्छी होती है, क्योंकि यह दृढ़ कॉरपोरेट शासन सिद्धान्तों के पालन पर बल देता है। इस तरह यह एक ऐसे व्यापारिक वातावरण का समर्थन करता है, जिसकी स्थापना सिद्धान्तों पर ही होती है। 

पहले भी पूंजी बाजार ने प्रौद्योगिकीय प्रगति और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही इससे तरल बाजार से भी दीर्घकालीन वित्तपोषण अवधियों वाली सघन पूंजी परियोजनाओं के लिए वित्त प्राप्त करना संभव हुआ है। पूंजी बाजार की यह भूमिका निश्चित तौर पर 18वीं सदी के दौरान आई औद्योगिक क्रान्ति के दौरान सत्य साबित हुई और हमारी तथाकथित नवअर्थव्यवस्था के दौर में भी जारी रही। 

हमारे देश में गहन एवं वृहत्त पूंजी बाजार अस्तित्व में है। यह देश के विकास को निरन्तर बढ़ावा दे रहा है। भारत के सामने अपने पूंजी बाजार को और अधिक विकसित करने की जरूरत है। ता޵कि कम्पनियों के लिए वैकिल्पक वित्त स्रोत उपलब्ध हो सकें। इसके लिए निवेशकों की बचतों को प्रभावी ढंग से प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। पूंजी बाजार बाहरी वित्त के लिए भी एक बहुमूल्य स्रोत के रूप में कार्य करता है। 

लम्बे समय से भारतीय पूंजी बाजार को छोटा बाजार समझा जाता रहा है। इसलिए इस पर किसी ने ध्यान देना जरूरी नहीं समझा। पर ޵पिछले दशक से भारतीय शेयर बाजारों में भारी अन्तर्राष्ट्रीय निवेश होने से भारतीय बाजार के बारे में बनी पुरानी अवधारणा तेजी से बदली है। भारतीय बाजार को अब स्थिर नहीं माना जा रहा है, इसे अब असीम अवसरों और संभावनाओं से भरे विश्व निवेश समुदाय के रूप में देखा जा रहा है।

 

 

 

 [2] निम्नलिखित में से कौनमुद्रा बाज़ारके घटक नहीं हैं?

1. वाणिज्यिक बैंक अथवा कारोबारी बैंक

2. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

3. सहकारी बैंक

4. श्रेष्ठि

5. ‘कॉल मनी मार्केट’ (Call Money Market)

6. रेपो बाजार

7. ‘मनी मार्केट म्यूच्युअल फंड

8.बनिया/साहूकार

9.महाजन/ चेट्टी

10.परिजन
कूटः

A)

केवल  4, 8,9 और 10

B)

केवल 1, 2, 3, 5, 6 और 7

C)

केवल 1, 2, 3, 4, 5 और 7

D)

उपर्युक्त सभी

उत्तरः (A)

 

[3] "इंडिया इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट" (India International Institute of Democracy and Election Management) के संदर्भ में सत्य हैं?
1.
यह एक अर्ध न्यायिक निकाय (Quasi-Judicial Body) है।
2.
इसेभारत के निर्वाचन आयोगद्वारा स्थापित किया गया है।
3.
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में अवस्थित है।

कूटः

A)

केवल 1, और 2

B)

केवल 2 और 3

C)

केवल 1, 2 और 3

D)

इनमे से कोई नहीं

उत्तरः (b)
व्याख्याः

1-इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एण्ड इलेक्शन मैनेजमेंट (IIIDEM) की स्थापना "भारतीय निर्वाचन आयोग" (Election Commission of India) के द्वारा चुनावी मशीनरियों के स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं त्रुटिरहित चुनावों के प्रबंधन हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से जून 2011 में की गई थी अर्थात् यह एक सांविधिक संस्था नहीं है।

2-IIIDEM का मुख्यालय "नई दिल्ली" में अवस्थित है।

3-यह चुनाव प्रबंधन में अच्छे व्यवहार के आदान-प्रदान हेतु एक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीयहब’ (hub) है।

4- इंटरनेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एण्ड इलेक्शन मैनेजमेंट (IIIDEM)  के चार महत्त्वपूर्ण घटक हैं:-
1.
प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास
2.
मतदाता शिक्षा एवं नागरिक भागीदारी
3.
अनुसंधान, नवाचार एवं प्रलेखन (Documentation)
4.
अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं एवं तकनीकी सहयोग

 

 

 [4] "समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण" (NBSA-News Broadcasting Standards Authority) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-से कथन असत्य हैं?
1. ‘
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ (Ministry of Information and Broadcasting) इसका नोडल मंत्रालय है।
2.
इसे "न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन" (NBA) द्वारा गठित किया गया है।
3.
इसका कार्य प्रसारण से संबंधित शिकायतों पर विचार एवं अधिनिर्णयन (adjudication) करना है।
कूटः

A)

केवल 1

B)

केवल 1 और 2

C)

1, 2 और 3

D)

इनमे से कोई नहीं

उत्तरः (A)
व्याख्याः

1-समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण (NBSA), "न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन" (NBA) द्वारा गठित एकस्वतंत्र निकायहै, जिसका कार्य प्रसारण संबंधित शिकायतों पर विचार एवं अधिनिर्णयन करना है।

2-हाल ही मेंसूचना एवं प्रसारण मंत्रालयने स्वयं के पास उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर ऐसी किसी भी संस्था (entity) की मौजूदगी को अस्वीकार किया है।

 

 

 [5] "न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन" (NBA-News Broadcasters Association) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य नहीं हैं?

1. यह एक सांविधिक निकाय है, जिसका गठन "न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन अधिनियम, 2010" के अंतर्गत अक्तूबर 2010 में किया गया था।

2. "सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय" (Ministry of Information and Broadcasting) इसका नोडल मंत्रालय है।

3. यह इस बढ़ते उद्योग को कुप्रभावित करने वाले मामलों पर सम्मिलित एवं विश्वसनीय रूप से अपने विचार सरकार के समक्ष प्रस्तुत करता है।

4-यह अपने सदस्यों द्वारा ही पूर्ण रूप से वित्त पोषित संगठन है।


कूटः

A)

केवल 1 और 2

B)

केवल 2 और 3

C)

केवल 1 और 3

D)

1, 2 ,3और 4

उत्तरः (a)
व्याख्याः

1-" न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन" (NBA) निजी टेलीविजन समाचार एवं समसामयिकी मामलों के प्रसारकों का प्रतिनिधित्व करती है।

2-यह निजी टेलीविजन समाचार एवं समसामयिकी प्रसारकों का एक सामूहिक प्रतिनिधि निकाय है, जो इस उद्योग के विकास को कुप्रभावित करने वाले मामलों के संबंध में अपने विचार सरकार के समक्ष प्रस्तुत करती है।

3-वर्तमान में 23 प्रमुखन्यूज़ एवं करेंट अफेयर्स ब्रॉडकास्टर्सइसके सदस्य के रूप में शामिल हैं।

 

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