न्याय आपके द्वार अभियान
राजस्थान एक कृषि प्रधान प्रदेश होने के कारण काश्तकारों की मुख्य समस्या सामान्यतः राजस्व से सम्बन्धित रहती है। आमतौर पर यह देखा गया है कि राजस्व से जुड़ा मुकदमा निपटने में लगभग 4 साल का समय लगता है। इससे काश्तकार को राहत देने के उद्देश्य से ही न्याय आपके द्वार अभियान की शुरुआत की गई है।
प्रदेश के किसानों एवं ग्रामीणों के अपने स्वामित्व, खातेदारी अधिकार तथा उत्तराधिकार के झगड़ों और विवादों के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में वर्षों से लम्बित चल रहे मुकदमों और उनसे आमजन को हो रही समय और पैसे की बर्बादी से छुटकारा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर वर्ष 2015 में प्रत्येक वर्ष ग्रीष्म ऋतु में "राजस्व लोक अदालत अभियान न्याय आपके द्वार" कार्यक्रम के संचालन की घोषणा की गई है।
न्याय देने गांव-गांव तक पहुंची सरकार
राजस्व लोक अदालतों के ज़रिये लाखों लम्बित राजस्व मामलों का निपटारा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर किये जाने से आम व्यक्ति को राहत मिली है। न्याय आपके द्वार अभियान के अन्तर्गत राजस्थान काश्तकार अधिनियम के तहत दायर मुकदमों के अन्तर्गत लम्बित अपीलों, लम्बित राजस्व वादों, विभाजन, गैर खातेदारी से खातेदारी राजस्व अभिलेखों में लिपिकीय त्रुटियों का शुद्धिकरण, नए राजस्व ग्रामों के लिए नॉर्म्स के अनुसार प्रस्ताव तैयार करना, ग्राम पंचायत की राजस्व सम्बन्धी शिकायतों का चिन्हीकरण, सम्बन्धी कार्य अभियान के दौरान निपटाये गये ।
न्याय प्रणाली से जुड़े लोग एक ही जगह मौजूद
इन शिविरों की विशेषता थी कि इनमें तहसीलदार, पटवारी, सरपंच व भू-प्रबंधन से जुड़े लोग एक ही जगह मौजूद थे। जिससे किसी भी स्तर पर आवश्यक दस्तावेज़ शिविर में ही उपलब्ध हो जाते थे। हर चरण की सुनवाई भी वहीं हो जाती थी।
राजस्व प्रकरणों का सफलतापूर्वक निस्तारण
पहला चरण |
वर्ष 2015 |
164 ग्राम पचायत |
16 हजार शिविरों में 21 लाख 43 हजार से अधिक राजस्व मामलों का निस्तारण |
द्वितीय चरण |
9 मई, 2016 |
431 ग्राम पंचायत |
12 हजार 387 शिविर लगाये गये जिसमें 48 लाख 46 हजार 54 मामलों का निस्तारण |
तीसरा चरण |
8 मई 2017 से 15 जुलाई 2017 |
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1 करोड़ से अधिक राजस्व प्रकरणों का सफलतापूर्वक निस्तारण |
चौथा चरण 1 मई 2018 |
1 मई 2018 |
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मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए घोषणा भी की थी कि जिस जिले में सर्वाधिक गांव राजस्व मामले से मुक्त होंगे उन्हें सरकार द्वारा अतिरिक्त सहायता दी जायेगी। ग्रामीण लोगों को न्याय दिला उनकी जिन्दगी को आरामदायक व बेहतर बनाने की राज्य सरकार की इस नेक पहल की सराहना देश भर में की गयी।
इस अभियान से लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के महत्त्वपूर्ण अंग न्यायपालिका के प्रति लोगों का नजरिया बदला है। इससे कम समय में न्याय मिलने की उम्मीद को भी मजबूती मिली है। जहां पीढ़ियों से चले आ रहे राजस्व मामलों ने परिवारों में खटास पैदा कर दी थी, राज्य सरकार के इस अभियान ने लाखों परिवारों को आपसी समझाइश कर न्याय दिलवाया, उनके जीवन में खुशहाली लौटा दी एवं सामाजिक सौहार्द का पैगाम भी दिया है।
सरकार ने ये राजस्व लोक अदालत कैम्प्स् हर साल तब तक आयोजित करने का निर्णय लिया है जब तक राजस्व अदालतों में लम्बित मामले समाप्त नहीं हो जाते।
लोगों को मिला न्याय
न्याय आपके द्वार शिविरों में बड़े स्तर पर राजस्व मामलों का निस्तारण हुआ। ज़मीन से जुड़े स्वामित्व, खातेदारी अधिकार, उत्तराधिकार के झगड़े, सीमाबंदी विवादों के लम्बित मामलों का समाधान इन शिविरों में हुआ। ना केवल कानूनी मुकदमों का समाधान हुआ बल्कि जमीन से जुड़े आपसी प्रकरणों का भी समझाइश द्वारा समाधान इन शिविरों में किया गया।