भारतीय इतिहास एवं कला और संस्कृति:क्विज 4
[1] सूची-I (अशोक के अभिलेख) को सूची-II (संबंधित वर्तमान स्थल) के साथ सुमेलित कीजिये और सूचियों के नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेः
सूची-I |
सूची-II |
A. कालसी |
1. देहरादून |
B. एर्रगुडी |
2. आंध्र प्रदेश |
C. सोपारा |
3. महाराष्ट्र |
D. मानसेहरा |
4. पाकिस्तान |
कूटः
A B C D
A) |
1 2 4 3 |
B) |
3 2 1 4 |
C) |
2 3 1 4 |
D) |
1 2 3 4 |
उत्तरः (D)
व्याख्याः
1-कालसी-देहरादून, एर्रगुडी-आंध्र प्रदेश, सोपारा-महाराष्ट्र तथा मानसेहरा-पाकिस्तान में स्थित है।
2-मानसेहराः पाकिस्तान के हजारा ज़िले में स्थित है जिसकी लिपि खरोष्ठी है। इसके अतिरिक्त शाहबाजगढ़ी भी पाकिस्तान के पेशावर में स्थित खरोष्ठी लिपि में लिखित, अशोक का एक अन्य अभिलेख है।
[2] गिरनार शिलालेख के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. यह जूनागढ़ (गुजरात) में है।
2. इसमें रुद्रदामन और स्कन्दगुप्त के लेख भी मिलते हैं।
3. सुदर्शन झील का जीर्णोद्धार चंद्रगुप्त के समय पुष्यगुप्त, अशोक के समय तुषास्क, रुद्रदामन के समय सुविशाख तथा स्कन्दगुप्त के समय चक्रपालित ने करवाया। इस झील का निर्माण चन्द्रगुप्त मौर्य ने कराया था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
A) |
केवल 1 |
B) |
केवल 2 |
C) |
केवल 1 और 2 |
D) |
1, 2 और 3 |
उत्तरः (D)
[3] सूची-I को सूची-II के साथ सुमेलित कीजिये और सूचियों के नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये।
सूची-I(शासक) |
सूची-II(अभिलेख) |
A. 'कुजुल कडफिसेस' |
1. गद्देबहर-तख्ते बही अभिलेख |
B. कुमारगुप्त |
2. बिलसड़ तथा मंदसौर अभिलेख |
C. स्कन्दगुप्त |
3. जूनागढ़ तथा भीतरी |
D. यशोधर्मन |
4. मंदसौर प्रशस्ति |
कूटः
A B C D
A) |
4 3 2 1 |
B) |
1 3 2 4 |
C) |
1 2 4 3 |
D) |
1 2 3 4 |
उत्तरः (D)
व्याख्याः
राजा |
विवरण |
'कुजुल कडफिसेस' |
1-कुषाण वंश का संस्थापक 'कुजुल कडफिसेस' (गोडोफर्निज)था। 2- गद्देबहर-तख्ते बही अभिलेख से उसके बारे में जानकारी मिलती हैं |
कुमारगुप्त |
1-कुमारगुप्त प्रथम के समय के लगभग 16 अभिलेख और बड़ी मात्रा में स्वर्ण के सिक्के प्राप्त हुए हैं। 2- कुमारगुप्त प्रथम ने दो अश्वमेघ यज्ञ किए थे 3- मंदसौर के शिलालेख से ज्ञात होता है कि वह चारों समुद्रों की चंचल लहरों से घिरी हुई पृथ्वी पर शासन करता था। 4- मंदसौर प्रशस्ति की रचना वासुल ने की तथा बिलसड़ अभिलेख से गुप्तों की वंशावली की जानकारी मिलती है। |
स्कन्दगुप्त |
1-स्कन्दगुप्त प्राचीन भारत में तीसरी से पाँचवीं सदी तक शासन करने वाले गुप्त राजवंश का राजा था। 2- जूनागढ़ तथा भीतरी के अभिलेखों से उसके बारे में जानकारी मिलती हैं |
यशोधर्मन् |
1-यशोधर्मन् छठी शताब्दी के आरम्भिक काल में मालवा के महाराजा थे। छठी शती ई0 के द्वितीय चरण में मालवा प्रांत के स्थानीय शासक के रूप से आगे बढ़कर यशोधर्मन् पूरे उत्तरी भारत पर छा गया। 2- यशोधर्मन् के विषय में हमारा ज्ञान मंदसौर से प्राप्त उसके दो अभिलेखों तक ही सीमित है। 3- अभिलेख में उसके द्वारा पराजित शत्रुओं में केवल मिहिरकुल का हो नाम दिया गया है। |
[4] सूची-I को सूची-II के साथ सुमेलित कीजिये और सूचियों के नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये।
सूची-I |
सूची-II |
A. चंद्रगुप्त प्रथम |
1. लिच्छवि तथा राजा-रानी प्रकार के सिक्के |
B. समुद्रगुप्त |
2. गरुड़, धनुर्धारी, अश्वमेध, व्याघ्र हनन, वीणावादन, प्रकार के सिक्के |
C. कुमारगुप्त |
3. कार्तिकेय प्रकार के सिक्के |
D. गांगेयदेव |
4. देहलीवाल सिक्का |
कूटः
A B C D
A) |
1 3 4 2 |
B) |
1 4 3 2 |
C) |
4 3 2 1 |
D) |
1 2 3 4 |
उत्तरः (D)
व्याख्याः
1-चंद्रगुप्त प्रथम ने लिच्छवी, राजा-रानी तथा विवाह प्रकार के सिक्के चलाए।
2-समुद्रगुप्त ने कुल 6 प्रकार की स्वर्ण मुद्राएँ चलाई- गरुड़ प्रकार, धनुर्धारी प्रकार, परशु प्रकार, व्याघ्र हनन तथा वीणावादन प्रकार।
3-गांगेयदेव कलचुरि वंश का शासक था। इसके द्वारा चलाए गए ‘देहलीवाल’ सिक्के का प्रचलन इल्तुतमिश के शासन काल तक रहा।
[5] सातवाहनों के सिक्कों के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये। इनमें से कौन-सा कथन सातवाहनकालीन सिक्कों के विषय में सही नहीं है?
1- |
इनके सिक्के आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम तथा दक्षिण के विस्तृत क्षेत्र से प्राप्त हुए हैं। |
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2- |
इनके सिक्के तांबे और सीसे से निर्मित थे। |
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3- |
सीसे का आयात मुख्यतः रोम से किया जाता था। |
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4-यज्ञश्री सातकर्णी के सिक्के के अग्रभाग पर दो मस्तूल वाले जहाजों का अंकन उसकी व्यापारिक अभिरुचि का भी संकेत देता है। उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
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उत्तरः (D)