QUIZ 13

QUIZ 13

[1] ‘केंद्रीय जाँच ब्यूरो’ (Central Bureau of Investigation) के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
1. यह कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अधीन कार्य करती है
2. यह देश के भीतर घटित किसी भी घटना पर स्वत: संज्ञान ले सकता है।
3. यह आर.टी.आई. के दायरे से बाहर है।
4. यह आतंकवाद से संबंधित मामलों की जाँच नहीं करता है।
कूटः

A)

केवल 1, 2 और 3

B)

केवल 1, 3 और 4

C)

केवल 1, 2 और 4

D)

केवल 2, 3 और 4

उत्तरः (b)
व्याख्याः

सी.बी.आई. भारत की एक घरेलू खुफिया सुरक्षा सेवा प्रदाता एजेंसी है। इसकी स्थापना स्वतंत्रता से पूर्व सन् 1941 में तत्कालीन भारत सरकार के द्वारा जारी किये गए एक कार्यकारी आदेश (Executive order) के माध्यम से हुई थी। इसके पश्चात् वर्ष 1946 में “Delhi Special Police Establishment Act, 1946” पारित किया गया, जिससे सी.बी.आई. को जाँच करने की शक्ति प्राप्त होती है। कुछ वर्षों के पश्चात अन्वेषण की बढ़ती आवश्यकता के कारण 1 अप्रैल, 1963 को भारत सरकार ने सी.बी.आई. का गठन एक प्रस्ताव (Resolution) के माध्यम से किया तथा इसके अंतर्गत निम्नलिखित विभागों को गठित किया-

(i) जाँच एवं एंटी करप्शन डिवीजन (डी.एस.पी.ई.)
(ii) तकनीकी डिवीजन
(iii) क्राइम रिकॉर्ड्स एवं सांख्यिकी डिवीजन
(iv) अनुसंधान डिवीजन
(v) लीगल एवं जनरल डिवीजन
(vi) प्रशासकीय डिवीजन

किंतु, सी.बी.आई. देश के भीतर घटित किसी भी घटना पर स्वत: संज्ञान (suo-moto) नहीं ले सकता है। क्योंकि “Delhi Special Police Establishment Act, 1946” के धारा- 2 के अनुसार, यह केवल UTs में ही धारा- 3 में उल्लिखित अपराधों पर जाँच हेतु स्वत: संज्ञान ले सकता है। हालाँकि, इसी अधिनियम के धारा- 6 में उल्लिखित है कि राज्य की सीमा के भीतर जाँच करने से पूर्व राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। केंद्र सरकार संबंधित राज्य की सहमति से सी.बी.आई. को जाँच हेतु प्राधिकृत कर सकती है। सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायलय बिना राज्य सरकार की सहमति के ही सी.बी.आई. को जाँच हेतु प्राधिकृत कर सकती है।

‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस संस्था को आर.टी.आई. के प्रावधानों से मुक्त रखा गया है।

ध्यातव्य है कि नवंबर 2008 में मुंबई आतंकी हमले के बाद एन.आई.ए. (NIA- National Investigation Agency) का गठन मुख्य रूप से आतंकवादी हमलों, आतंकवाद और अन्य आतंकवाद से संबंधित अपराधों की निधि की जांच के लिए किया गया। अतः सी.बी.आई. अब भ्रष्टाचार के अपराध, आर्थिक अपराध और आतंकवाद के अलावा गंभीर एवं संगठित अपराध की जांच करती है।

क्रमांक

नाम

कार्यकाल

1.

डी. पी. कोहली

1 अप्रॅल, 1963 - 31 मई, 1968

2.

एफ. वी. अरूल

31 मई 1968 - 6 मई 1971

3.

डी. सेन

6 मई 1971 - 29 मार्च 1977

4.

एस. एन. माथुर

29 मार्च 1977 - 2 मई 1977

5.

सी. वी. नरसिम्हन

2 मई 1977 - 25 नवम्बर 1977

6.

जॉन लोब

25 नवम्बर 1977 - 30 जून 1979

7.

आर. डी. सिंह

30 जून 1979 - 24 जनवरी 1980

9.

जे. एस. बावा

24 जनवरी 1980 - 28 फ़रवरी 1985

10.

एम. जी. कातरे

28 फ़रवरी 1985 - 31 अक्टूबर 1989

11.

ए. पी. मुखर्जी

31 अक्टूबर 1989 - 11 जनवरी 1990

12.

आर. शेखर

11 जनवरी 1990 - 14 दिसम्बर 1990

13.

विजय करन

14 दिसम्बर 1990 - 1 जून 1992

14.

एस. के. दत्ता

1 जून 1992 - 31 जुलाई 1993

15.

के. विजय रामा राव

31 जुलाई 1993 - 31 जुलाई 1996

16.

जोगिंदर सिंह

31 जुलाई 1996 - 30 जून 1997

17.

आर. सी. शर्मा

30 जून 1997 - 31 जनवरी 1998

18.

डी. आर. कार्तिकेयन (प्रभारी)

31 जनवरी 1998 - 31 मार्च 1998

19.

डॉ. टी. एन. मिश्रा (प्रभारी)

31 मार्च 1998 - 4 जनवरी 1999

20.

डॉ. आर. के. राघवन

4 जनवरी 1999 - 30 अप्रॅल 2001

21.

पी. सी. शर्मा

30 अप्रॅल 2001 - 6 दिसम्बर 2003

22.

यू. एस. मिश्रा

6 दिसम्बर 2003 - 6 दिसम्बर 2005

23.

विजय शंकर

12 दिसम्बर 2005 - 31 जुलाई 2008

24.

अश्विनी कुमार

2 अगस्त 2008 - 30 नवम्बर 2010

25.

ए. पी. सिंह

30 नवम्बर, 2010 - 30 नवम्बर, 2012

26.

अनिल कुमार सिन्हा

1 दिसम्बर, 2012 से अब तक

 

 

 

 

[2] ‘अंतर्राष्ट्रीय टीका संस्थान’ (International Vaccine Institute- IVI) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
1. अंतर्राष्ट्रीय वैक्सीन संस्थान  सियोल (दक्षिण कोरिया) में स्थित है
2. ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ इसके सदस्य देशों/संगठनों में से एक है।
3. भारत इसका सदस्य (Party) देश है।
कूटः

A)

केवल 1 और 2

B)

केवल 2 और 3

C)

केवल 1 और 3

D)

1, 2 और 3

उत्तरः (D)
व्याख्याः

1-अंतर्राष्ट्रीय वैक्सीन संस्थान, सियोल, दक्षिण कोरिया की स्थापना संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की पहल पर वर्ष 1997 में हुई थी।

2-यह संस्थान घातक संक्रामक बीमारियों के खिलाफ लोगों विशेषकर बच्चों की सुरक्षा हेतु नए एवं बेहतर टीके को विकसित करने एवं पेश करने का काम करता है।

 

3-‘अंतर्राष्ट्रीय टीका संस्थान’ (International Vaccine Institute- IVI) एक गैर-लाभकारी (not-for-profit) अंतर्राष्ट्रीय संस्था है.

4-इसका मुख्यालय दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में अवस्थित है।

5-‘अंतर्राष्ट्रीय टीका संस्थान’ के कुल 36 हस्ताक्षरकर्ता (Signatory) व पार्टी (Party) देश हैं।

6-‘अंतर्राष्ट्रीय टीका संस्थान’ की स्थापना इस विश्वास के साथ की गई थी कि विकासशील देशों में टीके के प्रयोग से बच्चों के स्वास्थ्य में नाटकीय रूप से सुधार लाया जा सकता है। इसका लक्ष्य- "वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य हेतु सुरक्षित, प्रभावी एवं सस्ते टीकों को ढूँढ़ना, उसका विकास करना एवं उसे जरूरतमंदों तक पहुँचाना है।"

7-हाल ही में भारत की केंद्रीय कैबिनेट ने इसकी पूर्णकालिक सदस्यता से संबंधित प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। चूँकि भारत को ‘अंतर्राष्ट्रीय टीका संस्थान’ के ग्रुप-I में वर्गीकृत किया गया है, इसलिये भारत को प्रतिवर्ष 50,000 अमेरिकी डॉलर का अंशदान इस संस्था को करना होगा।

1-"हस्ताक्षरकर्ता देश" का अर्थ है कि वह देश इसके प्रावधानों को अपना पूर्ण समर्थन प्रदान करता है तथा इस हेतु उस देश की संसद को अनुसमर्थन (ratification) करने की आवश्यकता नहीं होगी।

2-"पार्टी देश" वह है जो इसके प्रावधानों को स्वीकारता तो है किंतु, इसे उस देश पर तभी लागू किया जा सकेगा जब उस देश की संसद इसे अनुसमर्थित कर दे।
भारत, चीन, पाकिस्तान, श्रीलंका, ब्राजील, वियतनाम जैसे कई देश तथा ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ इस संस्थान के ‘पार्टी देश’ हैं।

 

 

 

 [3] ‘सुदूर संवेदन तकनीक’ (Remote Sensing Technique) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. यह दो प्रकार का होता है- निष्क्रिय एवं सक्रिय सुदूर संवेदन।
2. जहाँ ‘निष्क्रिय सुदूर संवेदन तकनीक’ सूर्य के प्रकाश पर निर्भर करता है वहीं, ‘सक्रिय सुदूर संवेदन तकनीक’ सूर्य प्रकाश पर निर्भर नहीं करते।
3. ‘सरल’ एक भारतीय सुदूर संवेदन प्रणाली है, जो समुद्री सतह से विभिन्न प्रकार के आँकड़ों को प्राप्त करने के लिये निर्मित की गई है।

4."सरल" भारत एवं फ्रांस का संयुक्त उपग्रह मिशन है

  1. कूटः

A)

केवल 1 और 2

B)

केवल 2 और 3

C)

केवल 1 और 3

D)

1, 2,3 और 4

उत्तरः (d)
व्याख्याः

किसी वस्तु के बिना संपर्क में आए उस वस्तु के भौतिक एवं रासायनिक गुणों का पता लगाना ही ‘सुदूर संवेदन’ (Remote Sensing) कहलाता है। यह दो प्रकार का होता है-

  1. निष्क्रिय सुदूर संवेदन (Passive Remote Sensing):
    यह सूर्य के प्रकाश पर निर्भर करता है तथा पृथ्वी की सतह से परावर्तित सूर्य की किरणों को कैमरे की मदद से प्राप्त कर वस्तुओं की प्रकृति का विश्लेषण करता है। इसका प्रयोग स्वच्छ मौसम तक सीमित है। क्योंकि खराब मौसम में विकृत किरणों के कारण निम्न गुणवत्ता के आँकड़े प्राप्त होते हैं।
  2. सक्रिय सुदूर संवेदन (Active Remote Sensing):
    यह सूक्ष्म तरंगों पर आधारित सुदूर संवदेन है, जो संवेदन हेतु सूर्य प्रकाश पर निर्भर नहीं है।ऐसे उपग्रहों में SAR (Synthetic Aperture Radar) का प्रयोग पेलोड के रूप में किया जाता है, जो पृथ्वी पर सूक्ष्म तरंगों को छोड़ता है एवं परावर्तित तरंगों को प्राप्त कर उनका विश्लेषण करता है। सक्रिय सुदूर संवेदी उपग्रह के द्वारा दिन-रात तथा सभी मौसमों में उच्च गुणवत्ता के संकेत प्राप्त किये जा सकते हैं। इसलिये इससे प्राप्त आँकड़े बहुपयोगी होते हैं।

भारत में सुदूर संवेदी कार्यक्रमों का शुभारम्भ सत्तर के दशक में दो अनुप्रयोगी सुदूर संवेदी उपग्रहों भास्कर–1 तथा भास्कर–2 के सफल प्रक्षेपणों के साथ हुआ था। इन भास्कर उपग्रहों द्वारा सेटेलाइट माइक्रोवेव रेडियोमीटर (समीर) के साथ मिलकर प्राप्त किए गए अनेक महासागरीय एवम् वातावरणीय आँकड़ों का सम्बद्ध क्षेत्रों में संसाधन प्रबंधन हेतु सफल उपयोग किया गया। इन सफल अनुप्रयोगों के अनुभवों की सहायता से ही भारत ने 1988 में आईआरएस–1ए (इण्डियन रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट सीरीज़–1ए) का शुभारम्भ किया। इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए 1991 में आईआरएस–1बी तथा 1994 में आईआरएस–पी2 प्रक्षेपित किए गए। इन सभी को समग्र रूप से मिलाकर एनएनआरएमएस (National Natural Resource Management System) नामक एक विशिष्ट भारतीय उपग्रहीय संगठन को समस्त विश्व के समक्ष प्रस्तुत कर भारत ने अपनी सुदूर संवेदी प्रवीणता का परिचय विश्व विज्ञान विरादरी को कराया। इसके बाद से अब तक निरन्तर आईआरएस–1सी जैसी अनेक अत्याधुनिक सुदूर संवेदी उपग्रह श्रृंखलाओं के सफल प्रक्षेपणों के साथ साथ उनसे लगातार अर्जित किए जा रहे महत्वपूर्ण व उपयोगी आँकड़ों के माध्यम से भारत ने विज्ञान के सुदूर संवेदी क्षेत्र में अपनी एक अतिविशिष्ट पहचान बना ली है। भारत द्वारा प्रक्षेपित किए गए उपग्रहों का विवरण निम्नलिखित सूची में दिया गया हऐ।

सूची-1 भारत के प्रमुख उपग्रहों का विवरण।

क्रमांक

उपग्रह

प्रक्षेपण की तारीख

प्रक्षेपण यान

 

आर्यभट्ट

19 अप्रैल 1975

यू-11इण्टरकासमास

 

भास्कर-I

7 जून 1979

सी-1 इण्टरकासमास

 

रोहिणी प्रौद्योगिकी पेलोड

10 अगस्त 1979

एसएलवी-3

 

रोहिणी आरएस-1

18 जुलाई1980

एसएलवी-3

 

रोहिणी आरएस-डी 1

31 मई 1981

एसएलवी-3

 

एरियन यात्री पेलोड प्रयोग

19 जून 1981

एरियन-1 (वी-3)

 

भास्कर -II

20 नवंबर 1981

सी -1 इण्टरकासमास

 

इनसैट -1 ए

10 अप्रैल 1982

डेल्टा 3910 पीएएम-डी

 

रोहिणी आरएस-डी 2

17 अप्रैल 1983

एसएलवी-3

 

इनसैट -1 बी

30 अगस्त 1983

शटल [पीएएम-डी]

 

स्ट्रैच्ड रोहिणी उपग्रह श्रृंखला (एसआरओएसएस-1)

24 मार्च 1987

एएसएलवी

 

आईआरएस-1 ए

17 मार्च 1988

वोस्तोक

 

स्ट्रैच्ड रोहिणी उपग्रह श्रृंखला (एसआरओएसएस-2)  

13 जुलाई 1988

एएसएलवी

 

इनसैट -1 सी

21 जुलाई 1988

एरियन-3

 

इनसैट -1 डी  

12 जून 1990

डेल्टा 4925

 

आईआरएस -1 बी

29 अगस्त 1991

वोस्तोक

 

इनसैट-2डीटी

26 फरवरी 1992

एरियन-44एल एच10

 

स्ट्रैच्ड रोहिणी उपग्रह श्रृंखला (एसआरओएसएस-3)  

20 मई 1992

एएसएलवी

 

इनसैट-2ए

10 जुलाई 1992

एरियन-44एल एच10

 

इनसैट -2 बी

23 जुलाई 1993

एरियन-44एल एच 10 +

 

आईआरएस-1ई

20 सितंबर 1993

पीएसएलवी-डी 1

 

स्ट्रैच्ड रोहिणी उपग्रह श्रृंखला (एसआरओएसएस-सी2)  

4 मई 1994

एएसएलवी

 

आईआरएस-पी2

15 अक्टूबर 1994

पीएसएलवी-डी 2

 

इनसैट -2 सी

7 दिसंबर 1995  

एरियन-44एल एच10-3

 

आईआरएस -1 सी

29 दिसंबर 1995

मोलनिया

 

आईआरएस-पी 3

21 मार्च 1996

पीएसएलवी-डी 3

 

इनसेट 2 डी

4 जून 1997

एरियन-44एल एच10-3

 

आईआरएस -1 डी

29 सितंबर 1997

पीएसएलवी-सी 1

 

 

"सरल" भारत एवं फ्रांस का संयुक्त उपग्रह मिशन है, जिसे वर्ष 2013 में प्रमोचित किया गया था। इसका उद्देश्य समुद्री सतह से विभिन्न प्रकार के आँकड़ों को प्राप्त करना है, जिसके आधार पर समुद्र के सतह की ऊँचाई मापी जाती है। साथ ही, यह समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र एवं जैव-विविधता के अध्ययन पर भी केंद्रित है। इसलिये सही उत्तर (d) है।

 

 

 

[4] ‘प्रोजेक्ट दिशा’ (Project DISHA) किससे सम्बंधित हैं ?

A)

भारतीय रेल (Indian Railways)

B)

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India)

C)

डी.एम.आर.सी. (Delhi Metro Rail Corporation)

D)

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Bank)

उत्तरः (b)
व्याख्याः
"भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण" (Airports Authority of India- AAI) द्वारा ‘प्रोजेक्ट दिशा’ (DISHA- Driving Improvement in Service and Hospitality at Airports) को प्रारंभ किया गया है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से ए.ए.आई. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘व्हाट्स एप’ का प्रयोग अपनी उपभोक्ता सेवाओं को और अधिक त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने, जैसे- लंबी कतारों को कम करने, एयरपोर्ट पर प्रदान की जाने वाली सेवाओं को बेहतर करने तथा प्रक्रियाओं के सरलीकरण करने हेतु करेगी।

 

 

[5] ‘भारतीय उद्योग परिसंघ’ (Confederation on Indian Industry- CII) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सत्य  है/हैं?
1. यह एक गैर-लाभकारी है।
2. यह एक गैर-सरकारी संगठन है।
3. भारतीय उद्योग परिसंघ" (सी.आई.आई.) कारोबारियों का एक संघ है
कूटः

A)

केवल 2

B)

केवल 1 और 3

C)

केवल 3

D)

केवल1, 2 और 3

उत्तरः (D)
व्याख्याः

"भारतीय उद्योग परिसंघ" (सी.आई.आई.) कारोबारियों का एक संघ है जो देश में उद्योगों के विकास के लिये अनुकूल वातावरण के निर्माण हेतु कार्य करता है। यह एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी, उद्योगों के नेतृत्व में तथा उद्योगों द्वारा प्रबंधित संगठन है। इसकी स्थापना सन् 1895 में की गयी थी।

ध्यातव्य है कि वर्ष 2016-17 के लिये सी.आई.आई. का थीम है- “Building National Competitiveness”, जो विभिन्न क्षेत्रों (प्रमुखतया छः- मानव विकास, कॉरपोरेट सत्यनिष्ठता एवं अच्छी नागरिकता, ईज़ ऑफ डूईंग बिजनेस, नवाचार एवं तकनीकी क्षमताएँ, सततता और विश्व के साथ एकीकरण) में प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ाने हेतु सरकार के प्रयत्नों में उद्योगों की सहयोगी भूमिका पर बल देता है।

 

 

 

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