OCSAE रोकथाम/जाँच इकाई, CBI, इंटरपोल, पोक्सो अधिनियम

OCSAE रोकथाम/जाँच इकाई, CBI, इंटरपोल, पोक्सो अधिनियम

 

प्रीलिम्स के लिये

OCSAE रोकथाम/जाँच इकाई, CBI, इंटरपोल, पोक्सो अधिनियम

मेन्स के लिये:

बच्चों की सुरक्षा से संबंधित मुद्दे, यौन अपराध से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय अन्वेक्षण/जाँच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation-CBI) ने एक ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न एवं शोषण (Online Child Sexual Abuse and Exploitation-OCSAE) रोकथाम/जाँच इकाई की स्थापना की है।

प्रमुख बिंदु

  • CBI ने इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्न के खतरे से निपटने के लिये नई दिल्ली में अपने विशेष अपराध क्षेत्र के तहत एक ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न एवं शोषण रोकथाम/जाँच इकाई की स्थापना की है।
  • जर्मनी पुलिस द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बाल पोर्नोग्राफी (International Child Pornography) में शामिल सात भारतीय नागरिकों के बारे में जानकारी दिये के बाद यह कदम उठाया गया है, इस मामले की जाँच CBI द्वारा ही की जा रही है।
    • हाल ही में CBI के सामने बाल यौन शोषण सामग्री (Child Sexual Abuse Material-CSAM) के प्रसार से संबंधित बहुत से पहलु सामने आए हैं जो इंटरपोल और अन्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा प्रदत्त जानकारी पर आधारित हैं।

प्रमुख विशेषताएँ

  • यह इकाई, जो दिल्ली में CBI के विशेष अपराध क्षेत्र के तहत कार्य करेगी, ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न और शोषण पर जानकारी एकत्र एवं प्रसारित करेगी।
  • नई विशेष इकाई ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न एवं शोषण जैसे अपराधों से संबंधित सूचनाओं के वितरण, प्रकाशन, प्रसारण, निर्माण, संग्रह, मांग, ब्राउज़िंग, डाउनलोडिंग, विज्ञापन, प्रचार, आदान-प्रदान आदि के संबंध में जानकारी एकत्र करेगी, उन्हें नष्ट करेगी तथा इस प्रकार के कार्यवाही का प्रचार करेगी।
  • इस प्रकार के सभी अपराधों को भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code-IPC) 1860, पोक्सो (Protection of Children from Sexual Offences-POCSO) अधिनियम 2012 (2012 का 32) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (2000 का 21) तथा विभिन्न कानूनों (लागू होने के साथ ही) के तहत शामिल किया जाएगा।
  • POCSO अधिनियम, 2012

    • POCSO, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (Protection of Children from Sexual Offences Act– POCSO) का संक्षिप्त नाम है।
    • POCSO अधिनियम, 2012को बच्चों के हित और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए बच्चों को यौन अपराध, यौन उत्‍पीड़न तथा पोर्नोग्राफी से संरक्षण प्रदान करने के लिये लागू किया गया था।
    • इस अधिनियम में ‘बालक’ को 18 वर्ष से कम आयु के व्‍यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है और बच्‍चे का शारीरिक, भावनात्‍मक, बौद्धिक एवं सामाजिक विकास सुनिश्चित करने के लिये हर चरण को ज़्यादा महत्त्व देते हुए बच्‍चे के श्रेष्‍ठ हितों तथा कल्‍याण का सम्‍मान करता है।
    • इस अधिनियम की एक विशेषता यह है कि इसमें लैंगिक भेदभाव (Gender Discrimination) नहीं किया गया है।

प्रभाव क्षेत्र

  • CBI के नई OCSAE रोकथाम/जाँच इकाई का प्रादेशिक क्षेत्राधिकार पूरे भारत में होगा।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो

(Central Bureau of Investigation-CBI):

  • CBI, कार्मिक विभाग, कार्मिक पेंशन तथा लोक शिकायत मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत एक प्रमुख अन्वेषण पुलिस एजेंसी है।
  • यह नोडल पुलिस एजेंसी भी है, जो इंटरपोल के सदस्य-राष्ट्रों के अन्वेषण का समन्वयन करती है।
  • एक भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी से हटकर CBI एक बहुआयामी, बहु-अनुशासनात्मक केंद्रीय पुलिस, क्षमता, विश्वसनीयता और विधि के शासनादेश का पालन करते हुए जाँच करने वाली एक विधि प्रवर्तन एजेंसी है।

CBI का अधिकार क्षेत्र क्या है?

  • 1946 के अधिनियम की धारा (2) के तहत केवल केंद्रशासित प्रदेशों में अपराधों की जाँच के लिये CBI को शक्ति प्राप्त है।
    • हालाँकि केंद्र द्वारा रेलवे तथा राज्यों जैसे अन्य क्षेत्रों में उनके अनुरोध पर इसके अधिकार क्षेत्र को बढ़ाया जा सकता है।
    • वैसे CBI केवल केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित मामलों की जाँच के लिये अधिकृत है।
  • कोई भी व्यक्ति केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और राष्ट्रीयकृत बैंकों में भ्रष्टाचार के मामले की शिकायत CBI से कर सकता है।
  • इसके अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामलों में CBI स्वयं कार्रवाई कर सकती है।
    • जब कोई राज्य केंद्र से CBI की मदद के लिये अनुरोध करता है तो यह आपराधिक मामलों की जाँच करती है या तब जब सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय इसे किसी अपराध या मामले की जाँच करने का निर्देश देते हैं।

निष्कर्ष:

पिछले दो दशकों में इंटरनेट और सूचना एवं संचार उपकरणों के तेज़ी से हुए विकास ने न केवल वयस्कों बल्कि बच्चों के लिये भी उनके आसपास की दुनिया को और अधिक विस्तार से जानने, समझने के अद्वितीय अवसर प्रदान किये हैं। कई देशों में ये प्रौद्योगिकियाँ सर्वव्यापी रूप धारण कर चुकी हैं, ये हमारे जीवन के हर पहलू में शामिल हैं चाहे वह व्यक्तिगत हो अथवा पेशेवर या फिर सामाजिक। दिनोंदिन विकसित होती इन तकनीकों ने एक नया आयाम स्थापित कर लिया है, यदि मनमाने तरीके से इसके अनियंत्रित इस्तेमाल को प्रतिबंधित नहीं किया जाता है तो इससे बाल यौन शोषण के मामलों में कई गुना बढ़ोतरी कर सकता है।

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